
School Uniform Rule: अभी तक स्कूल में विद्यार्थियों को ड्रेस पहनकर स्कूल आना होता था लेकिन अब इनके साथ टीचरों का ड्रेस कोड भी नज़र आएगा। जी हां मंगलवार से उत्तरप्रदेश के शामली जिले में 596 स्कूलों में यह नियम लागू होने वाला है। सरकार के आदेश के बाद अब बच्चों के साथ साथ टीचरों को भी इस नियम का पालन करना है।
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क्यों लिया गया ये फैसला?
प्रभारी बीएसए जेएस शाक्य का कहना है की जिले के कई ऐसे प्राइवेट स्कूल हैं जहां पर अध्यापकों का ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। लेकिन वही सरकारी स्कूलों में अभी भी टीचर अपनी मर्जी के कपड़े पहनकर आते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ बीएसए तथा खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यलय में काम करने वाले कर्मचारियों को भी ड्रेस कोड का पालन करना होगा।
विद्यालयों में अपनी मन मर्जी के कपड़े पहनकर आना सरकारी नियमों के सख्त खिलाफ है। इसलिए नए नियम के तहत ड्रेस कोड अनिवार्य किया गया है। अगर कोई कर्मचारी, शिक्षक अथवा शिक्षिका इस नियम को नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी। स्कूल में विद्यार्थियों के साथ जब टीचर भी ड्रेस पहनकर आएगी तो इससे एकरूपता और अनुशासन बना रहेगा।
596 स्कूलों में होगा नियम लागू
ड्रेस कोड नियम लागू करने की घोषणा प्रभारी बीएसए जेएस शाक्य द्वारा कर दी गई है। उनका कहना है कि जिले के 596 सरकारी स्कूल में ड्रेस कोड का पालन मंगलवार से किया जाएगा। यानी की इस दिन से टीचरों को बताए गए ड्रेस कोड के अनुसार स्कूल में ड्रेस पहनकर आनी है।
इस बात पर निगरानी रखने के लिए ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को सूचना दी गई है। कि वे सभी स्कूलों में में जाकर जांच करें कि टीचरों ने ड्रेस कोड का पालन किया है या नहीं। बता दें जितने भी बीएसए कार्यालय एवं बीईओ कार्यालय के कर्मचारी हैं उनको भी इन नियमों का पालन करना होगा।
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क्या रहेगा ड्रेस कोड?
अब शिक्षक और शिक्षिका का ड्रेस पहनकर स्कूल आना होगा। शिक्षक के लिए ड्रेस कोड शर्ट पैंट, कुर्ता-धोती एवं कुर्ता-पजामा निर्धारित किया गया है। वही शिक्षिका के लिए साड़ी और सूट सलवार ड्रेस कोड रखा हुआ है।