बड़ा फैसला! गाय-भैंस की मृत्यु पर मिलेगा ₹55 हजार मुआवजा, पशुघर के लिए अलग से ₹50 हजार की सहायता

बड़ा फैसला! गाय-भैंस की मृत्यु पर मिलेगा ₹55 हजार मुआवजा, पशुघर के लिए अलग से ₹50 हजार की सहायता

हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने आपदा से गुजरने वाले लोगों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है जिसमें एक खास पैकेज को लागू किया गया है। प्राकृतिक आपदा से परेशान और बाढ़ में अपना कीमती सामान खोने वाले लोगों के लिए पैकेज बहुत ही राहत भरा होने वाला है जो उन्हें अपना जीवन फिर से शुरू करने का मौका देगा। सरकार चाहती है कि घर, पशु और फसल जैसे बड़े नुकसान पर पहले से अधिक मुआवजा राशि को बढ़ाकर दिया जाए।

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मकान और दुकान के नुक्सान पर मिलेगा मुआवजा

पैकेज के तहत आपदा पीड़ित व्यक्तियों को कई प्रकार की वित्तीय सहायता दी जा रही है। अगर बाढ़ में आपका घर पूरी तरह बह अथवा टूट गया है तो आपको 7 लाख रूपए की सहायता मिलेगी। पहले सरकार 1.30 लाख रूपए की सहायता देती थी।

अगर मकान कुछ हिस्से में ही खरबा होता है तो उसके लिए 12,500 रूपए के बजाय 1 लाख रूपए की सहायता दी जाएगी। अगर दुकान आपदा में पूरी तरह बर्बाद ही जाती है तो 1 लाख का मुआवजा मिलेगा। घर से कीचड़ और मलबा हटाने के लिए सरकार 50 हजार रूपए की सहायता देगी।

किसानों पर पशुपालकों को मिलेगी राहत

  • अगर किसान अथवा पशुपालकों की गाय अथवा भैंस की बाढ़ में मृत्यु हो जाती है तो इस पर सरकार इन्हे 55 हजार रूपए मुआवजा प्रति पशु पर देगी। पहले यह राशि 37,500 रूपए निर्धारित थी।
  • पशुओं का शेड बनाने के लिए पशुपालक को 50 हजार रूपए ही आर्थिक सहायता मिलती है।
  • यदि गाय के अलावा किसान को बकरी, सूअर, भेड़ अथवा मेमने का नुकसान होता है तो उन्हें 9,000 रूपए की वित्तीय राशि प्रत्येक पशु पर मिलती है। पहले नुकसान पर 4,000 रूपए की राशि दी जाती थी।
  • यदि आपकी गौशाला क्षतिग्रस्त हो जाती है तो 10 हजार रूपए के बदले 50 हजार रूपए की वित्तीय राशि दी जाएगी।

फसल और जमीन पर बढ़ा मुआवजा

  • यदि आपके खेती अथवा जमीन में नुकसान होता है तो आपको प्रति बीघा भूमि पर 10 हजार रूपए मिलते है जबकि पहले प्रति बीघा पर 3,900 रूपए ही मिलते थे।
  • खेतों से मिट्टी, रेत और पत्थर हटाने के लिए 6 हजार रूपए प्रति बीघा के लिए सहायता मिलती है जबकि पहले 1,500 रूपए मिलते थे।
  • किसानों को यदि फसल नुकसान होता है तो उस पर प्रति बीघा 3 हजार रूपए की सहायता मिलती है जबकि पहले केवल 500 रूपए मिलते थे।

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