
यदि किसी व्यक्ति पर बिजली चोरी के मामले में क़ानूनी कार्यवाई होती है और उस दौरान उसकी मौत हो जाती है तो ऐसा ना समझे की केस खत्म हो गया तो बकाया बिल चुकाना नहीं पड़ेगा। जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसके परिवार वालों को बकाया बिल को समय पर चुकाना होगा। जी हाँ, मैनपुरी की स्पेशल कोर्ट का कहना है कि इस मामले में बिजली विभाग को अपना बकाया बिल वसूलने के अधिकार से कोई नहीं रोक सकता। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड मृतक के परिवार से बकाया राशि वसूलेगा। क्योंकि काफी समय पहले से ऐसे हजारों मामले अटके हुए हैं और कोई भी कार्यवाई नहीं हुई है। जानकारी के लिए बता दें विशेष न्यायाधीश राकेश पटेल की अदालत ने यह अहम फैसला सुनाया है।
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पूरा मामला क्या है?
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के भोगांव का है जिसमे आरोपी मोहम्मद बहारुद्दीन है। आपको बता वर्ष 2011 में बहारुद्दीन के घर बिजली विभाग के कर्मचाकरी पहुंचे क्योंकि इसने 35,660 रूपए का बिजली बिल नहीं भरा था जिसके लिए उन्होंने इसके बिजली का कनेक्शन ही काट दिया। बिजली विभाग ने इस बात पर एक्शन लिया और इसके खिलाफ केस कर दिया और मामला कोर्ट में पहुंच गया।
11 साल पहले हो चुकी आरोपी की मौत
यह बात सुनकर आप हैरान हो जाएंगे कि बकाया बिल जमा ना करने के आरोप में पुलिस बहरुद्दीन को गिरफ्तार करने के लिए उसके घर गई तो पता लगा कि उसकी मृत्यु 11 साल पहले हो चुकी है इस मामले में पुलिस ने अदालत में मृत्यु प्रमाण पत्र दिया है। बहरुद्दीन पर यह केस कई सालों से चल रहा था जिसे अदालत ने खत्म कर दिया है। लेकिन कोर्ट ने अपने फैसले में साफ साफ कहा है कि परिवार वालों को बकाया बिजली बिल जमा करना ही पड़ेगा क्योंकि UPPCL को इसका अधिकार है।
फैसले से क्या होगा?
अदालत द्वारा लिया गया यह फैसला बहुत ही कारगार साबित होने वाला है। इसका सीधा अर्थ है कि बिजली चोरी के मामलों को सुलझाया जाएगा। अब कार्यवाई के दौरान यदि आरोपी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार अथवा क़ानूनी वारिसों को बचे हुए बिल का पूरा भुगतान करना है।